Kumar Vishwas Poem in Hindi Koi Deewana Kehta hai, Koi Pagal Samjhta Hai
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Koi Deewana Kehta Hai ( कोई दीवाना कहता है )
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
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मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!
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समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!
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भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा !
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा !
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का !
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा !!
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– by Kumar Vishwas
Koi Deewana Kehta Hai ( कोई दीवाना कहता है )
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Bhramar Koi Kumudni Par Machal Baitha to Hungama by Kumar Vishwas
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा !
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा !!
अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का !
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा !!
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कभी कोई जो खुलकर हंस लिया दो पल तो हंगामा !
कोई ख़्वाबों में आकर बस लिया दो पल तो हंगामा !!
मैं उससे दूर था तो शोर था साजिश है , साजिश है !
उसे बाहों में खुलकर कस लिया दो पल तो हंगामा !!
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जब आता है जीवन में खयालातों का हंगामा !
ये जज्बातों, मुलाकातों हंसी रातों का हंगामा !!
जवानी के क़यामत दौर में यह सोचते हैं सब !
ये हंगामे की रातें हैं या है रातों का हंगामा !!
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कलम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा,
गिरेबां अपना आंसू में भिगोता हूँ तो हंगामा,
नही मुझ पर भी जो खुद की खबर वो है जमाने पर,
मैं हंसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा..!!
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इबारत से गुनाहों तक की मंजिल में है हंगामा !
ज़रा-सी पी के आये बस तो महफ़िल में है हंगामा !!
कभी बचपन, जवानी और बुढापे में है हंगामा !
जेहन में है कभी तो फिर कभी दिल में है हंगामा !!
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हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा !
जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा !!
हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे !
हमारे सामने है और हमारे बाद हंगामा !!
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– by Kumar Vishwas
Kumar Vishwas Poem in Hindi – Hangama( हंगामा )
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Kumar Vishwas Shayari in Hindi
( कुमार विश्वास की कविता और कुछ विशेष शायरियां )
डॉ कुमार विश्वास जी की कुछ मेरे द्वारा चुनी हुई बिशेष शायरी प्रस्तुत करता हूँ , जो मैं आशा करता हूँ कि आपको बेहद पसंद आएगा ये मेरा वादा है। कुमार विश्वास जी हमारे देश के बहुत ही जाने माने कबि है इनकी रचना को पुरे विश्व में पढ़ा जाता है। कुछ रचनाएँ निचे दी गयी है।
1- वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है,
वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है,
किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से,
यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता है..!!
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2- नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है,
मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है,
कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों,
सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है..!!
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3- बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले ,
तुम्हारी याद के मौसम,हमारे ग़म नहीं बदले ,
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी,तब तो मानोगी ,
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले..!!
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4- सखियों संग रंगने की धमकी सुनकर क्या डर जाऊँगा?
तेरी गली में क्या होगा ये मालूम है पर आऊँगा,
भींग रही है काया सारी खजुराहो की मूरत सी,
इस दर्शन का और प्रदर्शन मत करना, मर जाऊँगा..!!
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5-उसी की तरहा मुझे सारा ज़माना चाहे,
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे,
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा,
ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे..!!
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6- हिम्मत ए रौशनी बढ़ जाती है,
हम चिरागों की इन हवाओं से,
कोई तो जा के बता दे उस को,
चैन बढता है बद्दुआओं से…!!
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7- क़लम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा,
गिरेबां अपना आँसू में भिगोता हूँ तो हंगामा,
नहीं मुझ पर भी जो खुद की ख़बर वो है ज़माने पर,
मैं हँसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा…!!
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8-बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले ,
तुम्हारी याद के मौसम,हमारे ग़म नहीं बदले ,
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी,तब तो मानोगी ,
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले..!!
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9-तुम अमर राग-माला बनो तो सही,
एक पावन शिवाला बनो तो सही,
लोग पढ़ लेंगे तुम से सबक प्यार का,
प्रीत की पाठशाला बनो तो सही..!!
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10-सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता,
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता,
फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो,
फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता..!!
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11-कोई मंजिल नहीं जंचती, सफर अच्छा नहीं लगता,
अगर घर लौट भी आऊ तो घर अच्छा नहीं लगता,
करूं कुछ भी मैं अब दुनिया को सब अच्छा ही लगता है,
मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन मगर अच्छा नहीं लगता..!!
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12- पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना,
जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना,
मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है,
हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना..!!
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13- हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है,
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है,
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल,
भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है..!!
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14- चंद चेहरे लगेंगे अपने से ,
खुद को पर बेक़रार मत करना ,
आख़िरश दिल्लगी लगी दिल पर?
हम न कहते थे प्यार मत करना…!!
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Kumar Vishwas Poem in Hindi Language
Shayrana Dil – Collection of Kumar Vishwas Poem, Shayari in Hindi, 2 line Shayari, Heart Broken Ahmad Faraz Shayari in Hindi.
Verry best boss
mst
1 dam mast hai kumar vishwas ji
Iam biggest fan of your poem
Thank you.
phool to bhut dekhe par gulab jaisa phool nahi, kave to bhut dekhe par kumar vishwash sa kave nahi,,
Nice
Can you please send me lyrics of kumar vishwas poem on a four year girl child “mahendi” poem name – mere ghar ke pichwade 4 sal ki ek sunder gudia rahti h
bahut hi jabardast sirji, you are the best
please make me your student
Realy nice..
I realy like you kumar bhaijaan..
And your poet, attitude.
Apka andaaj.
Ek Tamanna hai apse ek baar milu.
I like all the poem
Nice
I m big fan of you.
Thank you Smita bajpai ji
Thanks for you ,Hariom rathour
thank you
Your first poem (koi deewana khta h) is really Bast and myself it’s my favorite poem ….I read all poem sir…
बहुत सुन्दर रचनाओं के लिए साधुवाद।रचनाऐं मात्र मनोरंजन के लिऐ नहीं ब्लकि प्रेरणा स्त्रोत है।
I am big fan of you
Thank you sir
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